आइए, तंत्र मंत्र सीखिये| इसका सदुपयोग कीजिये और मानवता का भला कीजिये
मारण का अर्थ है किसी की मृत्यु घटित करना | यह सब प्रकृति की संहारक शक्तियों के द्वारा किया जाता है | देखने, समझने और मानने में सब प्राकृतित होता है किन्तु जो दिखाई पड़ रहा होता है वह ईश्वरीय सत्य नहीं होता | ईश्वरीय सत्य सर्वथा भिन्न होता है जिसे सिर्फ इस विद्या का कोई ज्ञाता ही जान सकता है, अन्य कोई नही | तंत्र में इसका प्रयोग स्वयं की रक्षा सुरक्षा के लिये केवल अंतिम विकल्प के तौर पर ही किया जाता है | इसका प्रयोग किसी को दुश्मनी में मारने के लिए नहीं बल्कि सिर्फ स्वयं की रक्षा के लिए होता है |
किसी को मारना एक गंभीर अपराध है और यह क्षमा योग्य नहीं है | यह सीधे तौर पर किसी की हत्या करने जैसा है जो एक बहुत बड़ा जुर्म है | जबकि किसी की मृत्यु घटित करना एक प्राकृतित क्रिया है जिसे प्रकृति ही अंजाम देती है | यहाँ प्रकृति का आह्वाहन कालमयी शक्ति के रूप में होता है जो किसी के प्राणों का हरण करती है | इसमें शक्ति, भक्त के वशीभूत होकर कार्य करती है |